बुर्ज
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बुर्ज संज्ञा पुं॰ [अ॰]
१. किले आदि की दीवारों में, कोनों पर आगे की ओर निकला अथवा आस पास की इमारत से ऊपर की ओर उठा हुआ गोल या पहलदार भाग जिसके बीच में बैठने आदि के लिये थोड़ा सा स्थान होता है । प्राचीन काल में प्रायः इसपर रखकर तोपें चलाई जाती थीं । गरगज ।
२. मीनार का ऊपरी भाग अथवा उसके आकार का इमारत का कोई अंग ।
३. गुंबद ।
४. गुब्बारा ।
५. ज्योतिष में राशिचक्र ।