बेड़ा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बेड़ा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वेष्ट]
१. बड़े बड़े लट्ठों लकड़ियों या तख्तों आदि को एक में बाँधकर बनाया हुआ ढाँचा जिसपर बाँस का टट्टर बिछा देते हैं और जिसपर बैठकर नदी आदि पार करते हैं । यह घड़ों की बनी हुई घन्नई से बड़ा होता है । तिरना । मुहा॰—बेड़ा पार करना या लगाना = किसी को संकट से पार लगाना या छुड़ाना । विपत्ति के समय सहायता करके किसी का काम पूरा कर देना । जैसे,—इस समय तो ईश्वर ही बेड़ा पार करेगा । बेड़ा पार होना या लगना = विपत्ति या संकट से उद्धार होना । कष्ट से छुटकारा होना । बेड़ा डूबना=विपत्ति में पड़कर नाश होना ।
२. बहुत सो नावों या जहाजों आदि का समूह । जैसे,— भारतीय महासागर में सदा एक अँगरेजी बेड़ा रहता है ।
३. नाव । नोका (डि॰) ।
४. झुंड । समुह (पूरब) ।
बेड़ा ^२ वि॰ [हिं॰ आड़ा का अनु॰, या सं॰ बलि (=टेढ़ा)]
१. जो आँखों के समानंतर दाहिनी ओर से बाई ओर अथवा बाई ओर से दाहिनी ओर गया हो । आड़ा ।
२. कठिन । मुशकिल । विकट ।