बेलन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बेलन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वलन]
१. लकड़ी, पत्थर या लोहे आदि का बना हुआ, वह भारी, गोल और दड के आकार का खंड जो अपने अक्ष पर घमता है और जिसे लुढ़काकर किसी चीज को पीसते, किसी स्थान को समतल करते, अथवा कंकड़, पत्थर कूटकर सड़कें बनाते हैं । रोलर ।
२. किसी यत्र आदि में लगा हुआ इस आकारका कोई बड़ा पुरजा जो घुमाकर दबाने आदि के काम में आता है । जैसे, छापने की मशीन का बेलन । ऊख पेरने की कल का बेलन ।
३. कोल्हू का जाठ ।
४. करघे में का पौसार । वि॰ दे॰ 'पौसार' ।
५. रुई घुमकने की मुठिया या हत्या । वि॰ दे॰ 'धुनकी' ।
६. कोई गोल और लबा लुढ़कनेवावा पदार्थ । जैसे, छापने की कल में स्याही लगानेवाला बेलन ।
७. दे॰ 'बेलना' ।
बेलन ^२ संज्ञा [देश॰]
१. एक प्रकार का जड़हन धान ।
२. एक में मिलाई हुई वे दों नावें जिनकी सहायता से डूबी हुई नाव पानी में से निकाली जाती है ।