बैठना
क्रिया
अनुवाद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
बैठना क्रि॰ अ॰ [सं॰ वेशन, विष्ठ; प्रा॰ बिठ्ठ + हिं॰ ना या सं॰ वितिष्ठति, प्रा॰ बइट्ठइ]
१. पुट्ठे के बल किसी स्थान पर इस प्रकार जमना कि धड ऊपर को सीधा रहे और पैर घुटने पर से मुडकर दीहरे हो जायँ । किसी जगह पर इस प्रकार टिकना कि कम से कम शरीर का आधा निचला भाग उस जगह से लगा रहे । स्थित होना । आसीन होना । आसन जमाना । उ॰—(क) बैठो कोइ राज ओ पाटा । अंत सवै बैसे पुनि घाटा ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) बैठे बरासन राज जानकि मुदित मन दसरथ भए ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) बैठे सोह काम रिपु कैसे । धरे शरीर शांत रस लैसे ।— तुलसी (शब्द॰) । (ध) शोभित बैठे तेहि सभा, सात द्वीप भूँप । तहँ राजा दशरथ लसै देव देव अनुरूप ।—केशव (शब्द॰) । संयो॰ क्रि॰—जाना । मुहा॰—कहीं या किसी के साथ बैठना उठना = (१) संग समय बिताना । कालक्षेप करना । उ॰—जाइ आइ जहाँ तहा बैठि उठि जैसे तैसे दिन तो बितायो बधू बीतति हैं कै/?/ राति ।—पद्माकर (शब्द॰) । (२) रहना । संग में रहना संगत में रहकर बातचीत करना या सुनना । बैठे ठाले = बि/?/ काम काज के खाली बैठे रहनेवाले । उ॰—फिर कि/?/ भाव का स्वरूप दिखाकर बैठनेवाले लोगों को एक प्रकार के आनंद का अनुभव करा देता हे ।—रस॰ पृ॰ ९८ । बे/?/ बिठाए = (१) अकारण । निरर्थक । जैसे,—बैठे बिठाए य/?/ झगड़ा मोल लिया । उ॰—एक रोज बैठे बिठाए कि/?/ ने शगूफा छोडा कि हुजूर चल के पहाड की सैर कीजिए— सैर॰, पृ॰ १५ । (२) अचानक । एकाएक । जैसे— /?/ बिठाए यह आफत कहाँ ये आ पडी़ । बैठे बैठे = (१) नि/?/ योजन । (२) अचानक । (३) अकारण । बैठे रहो = (१) अलग रहो । हाथ मत लगाओ । दखल मत दो । तुम्हा जरूरत नही । (२) चुप रहो । कुछ नत बोलो । बैठ दंड/?/ एक कसरत जिसमें दंड करके बैठ जाते हें और बैठते समय हाथों को कुहनी पर रखकर उकडूँ बैठते हें । इनके अंनंदर फिर दंड करने लगते हैं । उठ बैठना = (१) लेटा न रहना (२) जाग पड़ना । जैसे,—खटका सुनते ही बह उठ बैठ बैठते उठते = सदा । सब अवस्था में, हरदम । जैसे,—बैठते उठते राम नाम जपना । बैठ रहना = (१) देर लगाना वहीं का हो रहना । जैसे,—बाजार जाकर बैठे रहे । (२) साहस त्यागना या निराश होता हातकर उधोग छोड दोना ।
२. किसी स्थान या अवकाश में ठीक रूप से जमना । ठीक सि/?/ होना । जैसे, चूल का बैठना, अँगूठी के प्याले में नग/?/ बैठेना, सिर पर टोपी का बैठना, छेद में पेध /?/ कील बैठना । मुहा॰—नस बैठना = सरकी हुई नस का ठीक जगह पर जाना । मोच दूर होना । हाथ या पेर बैठना = टुटा उखडा हुआ हाथ पैर ठीक होना ।
३. कैडे पर आना । ठीक होना । अभ्यात होना । जासे,—कि/?/ काम में हाथ बैठना ।
४. पानी या अन्य द्रव पदाथों में मिली हुई चीजों का नीचे तह में जम जाना । जल आदि के सि/?/ होने पर उसमें घुली वस्तु का नीचे आधार में जा लगना । पानी या भूमि मे किसी भारी चीज का दाब आदी पाय/?/ नीचे जाना या घँसना । दबना या डूबना । जैसे, ना/?/ बैठना, मकान का बैठना, इत्यादि ।
६. सूजा या उभर हुआ न रहना । दबकर बराबर या गहरा हो जाना । पच/?/ जाना । धँसना । जैसे, आँख बैठना, फोडा़ बैठना । (कारबार) चलता न रहना । बिगडना । जैसे, को