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मक्खन

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मक्खन संज्ञा पुं॰ [सं॰ मन्थज या म्रक्षण?] दूध में की, विशेषतः गौ या भैस के दूध में की, वह चरबी या सार भाग जो दही या मठे को महने पर अथवा और कुछ विशेष क्रियाओं से निकाला जाता है और जिसके तपाने से घी बनता है । नवनीत । नैनूँ । विशेप—वैद्यक में इसे शीतल, मधुर, बलकारक, संग्राहक, कांतिवर्धक, आँखों के लिये हितकर और सब दोषों का नाश करनेवाला माना है । मुहा॰—कलेजे पर मक्खन मला जाना=शत्रु की हानि देखकर शांति या प्रसन्नता होना । कलेजा ठंढा होना ।