मठ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मठ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. निवासस्थान । रहने की जगह ।
२. वह मकान जिसमें एक महत की अधीनेता में बहुत से साधु आदि रहते हों । यौ॰—मठधारी । मठाधीश । मठपति ।
३. वह स्थान जहाँ विद्या पढ़ने के लिये छात्र आदि रहते हों ।
४. मंदिर । देवालय । यौ॰—मठपति=पुजारी ।
मठ † ^२ वि॰ [हिं॰ मष्टा] मौन । चुप । उ॰—सुंदर काची बिरहनी मुख तैं करै पुकार । मरि माहैं मठ ह्वै रहै वोलै नहीं लगार ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ६८३ ।