मरु
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मरु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह भूमि जहाँ जल न हो और केवल बलुआ मैदान हो । मरुस्थल । निर्जल स्थान । रेगिस्तान मरुभूमि ।
२. वह पर्वत जिसमें जल का अभाव हो ।
३. मारवाड़ और उसके आसपास के देश का नाम ।
४. मरुअ नामक पौधा ।
५. एक सूर्यवंशी राजा का नाम ।
६. नरकासुर के एक सहचर असुर का नाम ।
७. कुरवक नामक पौधा ।
मरु पु ^२ वि॰ [सं॰ मैरू या हि॰ मरना] कठिन । दुरूह । दे॰ 'मरू' । उ॰— कल्प समान रैन तेहिं बाढ़ी । तिल तिल म/?/ जुग जुग पर गाढ़ी ।—जायसी (शब्द॰) ।