मसका
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मसका संज्ञा पुं॰ [फा़॰ मस्कह्]
१. नवनीत । मक्खन । नैनूँ
२. ताजा निकाला हुआ घी ।
मसका ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. दही का पानी ।
२. रासायनिक परिभाषा में, बाँघा हुआ पारा ।
३. चूने की बरी का वह चूर्ण जो उसपर पानी छिड़कने से हो जाता है ।
४. कायस्थ । (सुनार) ।
मसका पु ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मशक] दे॰ 'मसक ^१' । उ॰—मसका कहत मेरी सरभरि कौन उड़ै । मेरे आगे गरूड़ की कतीयक जर है । —सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ४९९ ।