मिस
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मिस ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मिष]
१. बहाना । हीला । जैसे,—उन्होंने उपदेश के मिस ही उन्हें बहुत कुछ खरी खोटी कह सुनाई ।
२. नकल । पापंड । उ॰—भाँड़ पुकारै पीर वस, मिस समुझै । सव कोय ।—वृंद (शब्द॰) ।
मिस ^२ संज्ञा पुं॰ [फा़॰] ताँबा । यौ॰—मिसगर = ताँबे का काम करनेवाला । तमेरा ।
मिस ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अं॰] कुँआरी लड़की । कुमारी ।
मिस पु ^४ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ श्मश्रु] दे॰ 'मस' । उ॰—मिस भीने सुमयंक मुख निपट बिराजत नूर । मनौ बीर उर काम के उगे आनि अंकूर । पृ॰ रा॰, १ ।७५५ ।