मुरगा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मुरगा ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ मुर्ग] [स्त्री॰ मुरगी]
१. एक प्रसिद्ध पालतू पक्षी । कुक्कुट । उ॰—ह्वै है नहीं मुरगा जिहि गाँव भटू तिहि गाँव का भोर ना ह्वै हे ।—ठाकुर॰, पृ॰ ३० । विशेष—यह पक्षी सफेद, पीले और लाल आदि कई रंगों का और खड़ा होने पर प्रायः एक हाथ से कुछ कम ऊँचा होता है । इसके नर के सिर पर एक कलगी होती है । यह अपनी शानदार चाल और प्रभात के समय 'कुकड़ू कू' बोलने के लिय प्रसिद्ध है । यह प्रायः घरों में पाला जाता है । लोग इसे लड़ाते और इसका मांस भी खाते है । इसके बच्चे को चूजा कहते हैं ।
२. पक्षी ।—चिड़िया । मुहा॰—मुरगा बनाना = एक प्रकार की यंत्रणा । अपराधी को उकड़ूँ बैठाकर घुटनों के बीच से निकले दोनों हाथों से कान पकड़वाना ।
मुरगा † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मुर्वा] दे॰ 'मूर्वा' ।