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राम

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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राम लषन दोउ बीर ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. युक्त । मिला हुआ ।

३. अवलंबित । आश्रित । मुनहसर ।

४. गाढ़ । जैसे, निर्भर परिरंभ (को॰) ।

५. अतिशय तीव्र । गहरा । अत्यधिक । जैसे, निर्भर निद्रा (को॰) ।

राम ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सूर्यवंशी महाराज दशरथ के पुत्र जो दस अवतारों में से एक माने जाते हैं । विशेष दे॰ 'रामचंद्र' ।

२. परशुराम जो विष्णु के अंशावतार माने जाते हैं । विशेष दे॰ 'परशुराम' ।

३. कृष्ण के बड़े भाई बलराम या बलदेव । विशेष दे॰ 'बलराम' । मुहा॰—राम शरण होना=(१) साधु होना । विरक्त होना । (२) मर जाना । परलोकवासी होना । उ॰—राम राम कहि राम सिय राम शरण भए राउ ।—तुलसी (शब्द॰) । राम जाने=(१) मुझे नहीं मालूम । ईश्वर जाने । (२) यदि मैं झूठ कहता होऊँ तो उसके साक्षी भगवान हैं (एक शपथ) । राम राम करना=(१) अभिवादन करना । प्रणाम करना । (२) भगवान् का नाम जपना । राम नाम सत्य है=एक वाक्य जिसका प्रयोग कुछ हिंदू जातियों में मृतक को श्मशान ले जाने के समय होता है और जिससे संसार की असारता और मिथ्यात्व तथा ईश्वर की सत्यता का बोध होता है । राम राम करके=बड़ी कठिनता से । किसी प्रकार । उ॰—राम राम करके बासमती से पीछा छूटा है; फिर यह बिपत कहाँ से आई ।—अयोध्या (शब्द॰) । राम राम होना=भेंट होना । मुलाकात होना । उ॰—कैसे ह्वै है दई मेरे आनंद की जई राम, भई राम राम आज नई राम राम सों ।—रामकवि (शब्द॰) । राम राम हो जाना=मर जाना । गत हो जाना । उ॰—तौ लौ रहे प्राण दशरथ जू के नीके, पाछे राम नाम लेत राजा राम राम ह्वै गयो ।—रामकवि (शब्द॰) ।

४. तीन की संख्या ।

५. ईश्वर । भगवान् ।

६. एक मात्रिक छंद जिसमें ९ और ८ के विराम प्रत्येक चरण में १७ मात्राएँ होती है और अंत में यगण होता है । जैसे,—सुनिए हमारी विनय मुरारी । दीजै हमारी, विपत्ति टारी ।

७. वरुण ।

८. घोड़ा ।

९. अशोक वृक्ष ।

१०. रति ।

११. वथुआ । एक साग ।

१२. तेजपत्ता ।

१३. प्रेम करनेवाला । प्रेमी (को॰) ।

१४. अरुणी का एक नाम (को॰) ।

१५. रात्रि का अंधकार ।

१६. कुष्ठ ।

१७. तमालपत्र (को॰) ।

राम ^२ वि॰

१. मनोज्ञ । सुंदर ।

२. आनंददायक ।

३. सुफेद । श्वेत

४. काला । असित [को॰] ।

राम राम ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ राम] प्रणाम । नमस्कार । जैसे,— उनसे हमारा राम राम कह देना । विशष—इस पद का प्रयोग हिंदुओं में परस्पर अभिवादन के लिये होता है ।

राम राम ^२ संज्ञा स्त्री॰ भेंट । मुलाकात । सामना । जैसे,—कभी तो हमारी उनकी राम राम होगी ।

संस्कृत

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संज्ञा

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पुलिंग संज्ञा

  1. काले रंग का कोई वस्तु अथवा मानव।
  2. एक प्रकार का हिरण
  3. श्री रामचन्द्र
शब्दरूप
विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा विभक्ति रामः रामौ रामाः
द्वितीया विभक्ति रामम् रामौ रामान्
तृतीया विभक्ति रामेण रामाभयाम् रामैः
चतुर्थी विभक्ति रामाय रामाभयाम् रामेभ्यः
पंचमी विभक्ति रामात् रामाभयाम् रामेभ्यः
षष्टि विभक्ति रामस्य रामयोः रामाणाम्
सप्तमी विभक्ति रामे रामयोः रामेषु
अष्टमी विभक्ति राम रामौ रामाः