रुकना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रुकना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ रोक]
१. मार्ग आदि न मिलने के कारण ठहर जाना । आगे न बढ़ सकना । अवरुद्ध होना । अटकना । जैसे,—(क) यहाँ पानी रुकता है । (ख) रास्ता न मिलने की वजह से सब लोग रुके हैं ।
२. अपनी इच्छा से ठहर जाना । आगे न बढ़ना । जैसे,—(क) हम रास्ते में एक जगह रुकना चाहते हैं । (ख) यह गाड़ी हर स्टेशन पर रुकती है । संयों क्रि॰—जाना ।—पड़ना ।
३. किसी कार्य में आगे न चलना । किसी काम में सोच विचार या आगा पीछा करना । जैसे,—मैं कुछ निश्चय नहीं कर सकता, इसी से रुका हूँ; नहीं तो कब का दावा कर चुका होता ।
४. किसी कार्य का बीच में ही बंद हो जाना । काम आगे न होना । जैसे,—(क) रुपए के बिना सब काम रुका है । (ख) इस साल विवाह की सब तेयारी हो चुकी थी; पर लड़की मर जाने से विवाह रुक गया ।
५. किसी चलते क्रम का बंद होना । सिलसिला आगे न चलना । जैसे— बाढ़ रुकना । सयो॰ क्रि॰—जाना ।
६. वीर्यपात न होने देना । स्खलित न होना (बाजारु) ।