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लड़का

विक्षनरी से

संज्ञा

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

लड़का संज्ञा पुं॰ [सं॰ लट (=लड़कों का सा आचरण करना) सं॰ लालन्=(जिसका लाड़ किया जाय) अथवा लाड़ (=दुलार)] [स्त्री॰ लड़की]

१. थोड़ी अवस्था का मनुष्य । वह जिसकी उम्र कम हो । बालक ।

२. पुत्र । बेटा । यौ॰—लड़कावाला । मुहा॰—लड़कों का खेल=(१) बिना महत्व की बात । (२) सहज बात या काम । ऐसा काम जिसका करना बहुत सहज हो । जैसे,—यह काम करना लड़कों का खेल नहीं है । राह बाट का लड़का=ऐसा लड़का जिसे किसी ने रास्ते में पड़ा पाया हो, और जिसके माता पिता का पता न हो । लड़की लड़का=संतान । औलाद ।

लड़का बाला संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लड़का+सं॰ बालक, प्रा॰ बालअ]

१. संतति । संतान । औलाद । बाल बच्चा । जैसे,—उन्हें कोई लड़का बाला नहीं है ।

२. पुत्र, कलत्र आदि । परिवार । कुटुंब । कुनवा । जैसे,—(क) परदेस में लड़के वालों की खबर न मिलने से जी घबराता है । (ख) वह अपने लड़के वालों की खबर नहीं लेता ।

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