वजीर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वजीर संज्ञा पुं॰ [अ॰ वजी़र] १, वह जो बादशाह को रियासत के प्रबंध में सलाह या सहायता दे । मंत्री । अमात्य । दीवान ।
२. शतरंज की एक गोटी । विशेष—यह बादशाह से छोटी और शेष सब मोहरों से बड़ी होती है । यह गोटी आगे, पीछे, दाहिने, बाँए और तिरछे जिधर चाहे, उधर और जितने घर चाहे, उतने घर चल सकती है । यौ॰—वजीरे आजम=प्रधान मंत्री । वजीरे इंसाफ=न्यायमत्री । वजीरे खारिजा=परराष्ट्रमंत्री, वजोरे गिजा=खाद्यमंत्री । वजीरे जंग=युद्धमंत्री । वजीरे तालीम=शिक्षामंत्री । वजीरे दाखिला=गृहमंत्री । वजीरे माल=अर्थमंत्री ।