वास्ता
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वास्ता संज्ञा पुं॰ [अ॰]
१. संबंध । लगाव । मुहा॰—वास्ता पड़ना = व्यवहार का अवसर आना । काम पड़ना । जैसे—तुमको उससे वास्ता नहीं पड़ा है; नहीं तो जानते । वास्ता पैदा करना = ढब लगाना । संबंध जोड़ना । वास्ता रखना = लगाव रखना । संबंध रखना ।
२. मित्रता ।
३. स्त्री और पुरुष का अनुचित संबंध ।
४. वह जो मध्यस्थ हो (को॰) ।