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व्यंग्य

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अर्थ

व्यंग्य साहित्य की एक विधा है।

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

व्यंग्य ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ व्यङ्ग्य]

१. शब्द का वह अर्थ जो उसकी व्यंजना वृत्ति के द्वारा प्रकट हो । व्यंजना शक्ति के कारण प्रकट होनेवाला साधारण से कुछ विशिष्ट अर्थ । गूढ़ और छिपा हुआ अर्थ । विशेष दे॰ 'व्यंजना' ।

२. वह लगती हुई बात जिसका कुछ गूढ़ अर्थ हो । ताना । बोली । चुटकी । क्रि॰ प्र॰—कहना ।—छोड़ना ।—बोलना ।—सुनना ।

व्यंग्य ^२ संज्ञा

१. व्यंजना वृत्ति द्वारा बोधित । परोक्ष संकेत द्वारा सूचित वा उपलक्षित [को॰] ।