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शगल

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शगल संज्ञा पुं॰ [अ॰ शग़ल; शग़ल शुग़्ल]

१. व्यापार । कामधंधा । जैसे,—कहिए आजकल क्या शगल है । उ॰—शगल बेहतर है इश्कबाजी का । क्या हकीकी व क्या मजाजी का ।— कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ४ ।

२. वह काम जो यों ही समय बिताने या मन बहलाने के लिये किया जाय । मनोविनोद । उ॰—मनियर को एक नये शगल में तल्लीन देखकर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई ।—जिप्सी, पृ॰ ११९ ।