शर्करा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]शर्करा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. शक्कर । चीनी । खाँड़ ।
२. बालू का कण ।
३. पथरी नामक रोग ।
४. कंकड़ ।
५. ठीकरा ।
६. कंकरीली मट्टी । कंकड़ से युक्त मिट्टी (को॰) ।
७. खंड । टुकड़ा (को॰) ।
८. पुराणानुसार एक देश का नाम जो कूर्म्म चक्र के पुच्छ भाग में है ।
९. एक प्रकार का रोग । विशेष—इसमें त्रिदोष के कारण मांस, शिरा और स्नायु में गाँठ उत्पन्न होती है । गाँठ के फूटने से शहद, घी और चर्बी के समान पोब निकलता है और वायु के बढ़ने से अनेक गाँठें उत्पन्न होती है ।
शर्करा प्रमेह संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रकार का प्रमेह जिसमें मूत्र का रंग मिस्त्री का सा हो जाता है और उसके साथ शरीर की शर्करा निकलती है ।
शर्करा सप्तमी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वैशाख शुक्ला सप्तमी । विशेष—पुराणानुसार उस दिन सुवर्ण का पूजन किया जाता है और उसके आगे घड़े में चीनी भरकर रखी जाती है ।