शश
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]शश ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. खरहा । खरगोश ।
२. चंद्रमा का लांछन या कलंक ।
३. लाध्रवृक्ष । लोध ।
४. कामशास्त्र के अनुसार मनुष्य के चार भेदी में से एक भेद । विशेष—रतिमंजरी के अनुसार जो मनुष्य मृदु वचन बोलता हो, सुशील, कामलांग, सुंदर केशोंवाला, सत्यवादी और सकल- गुण-निधान हो, वह शश जाति का माना जाता है ।
५. बाल नामक गंध द्रव्य । गंध रस ।
६. मृग । हरिण (को॰) ।
शश ^२ वि॰ [फ़ा॰] छह् । षट् । यौ॰—शशखाना= मकान जिसमें छह कोठरियाँ हों । शशदर= (१) चौसर के खेल में एक घर जहाँ गोटी बंद हो जाती है । (२) चोकत । शशपंज=संकोच । उधेड़बुन । शशपहलू=षट्कोण । शशपाया=जिसमें छह पाए हों । शशमाहा=छह मास का । शशमाही=षाण्मासिक । छमाही ।
शश पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ शशक] दे॰ 'शश' ।