शिया
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
शिया संज्ञा पुं॰ [अ॰ शीया]
१. मददगार । सहायक ।
२. अनुयायी ।
३. मुसलमानों के दो प्रधान और परस्पर विरोधी संप्रदायों में से एक । हजरत अली को पैगंबर का ठीक उत्तराधिकारी माननेवाला संप्रदाय । विशेष—उमर, अबूबक्र आदि जो चार खलीफा मुहम्मद साहब के पीछे हुए हैं उन्हें इस संप्रदाय के लोग अनधिकारी मानते हैं तथा पैगंबर के बाद अली और उनके बेटों हसन और हुसेन को ही आदर का स्थान देते हैं । मुहर्रम के महीने में ये अब तक हसन और हुसेन के बीरगति को प्राप्त होने के दिनों में शोक मनाते हैं ।