समाधान
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]समाधान संज्ञा पुं॰ [सं] [वि॰ समाधानीय]
१. चित्त को सब ओर से हटाकर ब्रह्म की ओर लगाना । मन को एकाग्र करके ब्रह्म में लगाना । समाधि । प्रणिधान ।
२. किसी के शंका या प्रश्न करने पर दिया जानेवाला वह उत्तर जिससे जिज्ञासु या प्रश्न- कर्ता का संतोष हो जाय । किसी के मन का सदेह दूर करनेवाली बात ।
३. इस प्रकार कोई बात कहकर किसी को संतुष्ट करने की क्रिया ।
४. किसी प्रकार का विरोध दूर करना ।
५. निष्पत्ति । निराकरण ।
६. नियम ।
७. तपस्या ।
८. अनुसंधान । अन्वेषण ।
९. ध्यान ।
१०. मत की पुष्टि । सहमति । समर्थन ।
११. मिलाना । मेल बैठाना । साथ रखना (को॰) ।
१२. उत्सुकता । औत्सुक्य (को॰) ।
१३. मन की स्थिरता । मनःस्थैर्य (को॰) ।
१४. नाटक की मुखसंधि के उपक्षेप, परिकर आदि १२ अंगों में से एक अंग । बीज को ऐसे रूप में पुनः प्रदर्शित करना जिससे नायक अथवा नायिका का अभिमत प्रतीत हो ।