साधु
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]साधु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. जिसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार न हो ।
२. वह धार्मीक, परोपकारी और सदगुणी पुरुष जो सत्योपदेश द्वारा दूसरों का उपकार करे । धार्मिक पुरुष । परमार्थी । महात्मा । संत ।
३. वह जो शांत, सुशील, सदाचारी, वीतराग और परोपकारी हो । भला आदमी । सज्जन । मुहा॰—साधु साधु कहना = किसी के कोई अच्छा काम करने पर उसकी बहुत प्रशंसा करना ।
४. वह जिसकी साधना पूरी हो गई हो ।
५. साधु धर्म का पालन करनेवाला । जैन साधु ।
६. दौना नामक पौधा । दमनक ।
७. वरुण वृक्ष ।
८. जिन ।
९. मुनि ।
१०. वह जो सूद या व्याज से अपनी जीविका चलाता हो ।
११. साध । इच्छा ।
१०. गर्भ के सातवेँ महीने में होनेवाला एक संस्कार । उ॰—ए मैं अपुबिस अपुबिस साध पुजाऊँ । लज्जा राखूँ नँनद को ।—पौद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ ९१९ ।
साधु ^२ वि॰
१. अच्छा । उत्तम । भला ।
२. सच्चा ।
३. प्रशंसनीय ।
४. निपूण । होशियार ।
५. योग्य । उपयुक्त ।
६. उचित । मुनासिब ।
७. शुद्ध । सही । शास्त्रीय ।
८. दयालु । कृपालु ।
९. रुचिकर । अनुकूल ।
१०. योग्य । खानदानी ।
साधु संज्ञा पुं॰ [सं॰ साधु]
१. धार्मिक पुरुष । साधु । संत महात्मा ।
२. सज्जन । भला आदमी ।
३. सीधा आदमी । भोला भाला ।
४. दे॰ 'साधु' । उ॰—साधू सनमुख नाम से, रन में फिरै न पूठ ।—दरिया॰ बानी, पृ॰ १२ ।