साहब
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]साहब ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰ साहिब] [स्त्री॰ साहिबा]
१. मित्र । दोस्त । साथी ।
२. मालिक । स्वामी ।
३. परमेश्वर । ईश्वर ।
४. एक सम्मानसूचक शब्द जिसका व्यवहार नाम के साथ होता है । महाशय । जैसे, — मुं॰ कालिका प्रसाद साहब । यौ॰—साहबजादा । साहब सलामत ।
५. गोरी जाति का कोई व्यक्ति । फिरंगी ।
६. अफसर । हाकिम । सरदार ।
७. अंग्रेजों की तरह ठाट बाट से रहनेवाला व्यक्ति ।
साहब ^२ वि॰ वाला । विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का व्यवहार यौकिक शब्दों में होता है । जैसे, — साहबइकबाल । साहबतदवीर । साहबतिमाग ।
साहब बहादूर संज्ञा पुं॰ [अ॰ साहिब+फा़॰ बहादुर]
१. सम्मानित व्यक्ति या राजा का संबोधन ।
२. योरोपीय ढंग से रहनेवाला व्यक्ति ।
साहब सलामत संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] परस्पर मिलने के समय होनेवाला अभिवादन । बंदगी । सलाम । जैसे, — जब कभी वे रास्ते में मिल जाते हैं, तब साहब सलामत हो जाती है ।