साहस
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]साहस संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह मानसिक गुण या शक्ति जिसके द्वारा मनुष्य यर्थष्ट बल के अभाव में भी कोई भारी काम कर बैठता है या दृढ़तापूर्वक विपत्तियों या कठिनाइयों आदि का सामना करता है । हिम्मत । हियाव । जैसे, — वह साहस करके डाकुओ पर टूट पड़ा । क्रि॰ प्र॰— करना । — दिखलाना । — होना ।
२. जबरदस्ती दूसरे का धन लेना । लूटना ।
३. कोई बुरा काम । दुष्ट कर्म ।
४. द्वेष ।
५. अत्याचार ।
६. क्रूरता । बेरहमी ।
७. परस्त्री गमन ।
८. बलात्कार ।
९. दंड़ । सजा । त
१०. जुर्माना ।
११. अविमृश्यकारिता । अविवेकिता । औद्धत्य । उतावलापन ।
१२. वह अग्नि जिसपर यज्ञ के लिये चरु पकाया जाता है ।