सिरजनहार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सिरजनहार पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सिरजन + हार ( =वाला)]
१. रचनेवाला । बनानेवाला । सृष्टिकर्ता । कर्तार । उ॰—हे गुसाईं तू सिरजनहारू । तुइ सिरजा एहि समुँद अपारू ।—जायसी (शब्द॰) ।
२. परमेश्वर । उ॰—माया सगी न मन सगा, सगा न यह संसार । परशुराम यह जीव को, सगा तो सिरजनहार ।—रघुराज (शब्द॰) ।