सुन्दरी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सुंदरी ^१ वि॰ स्त्री॰ [सं॰ सुन्दरी] रूपवती । खूबसूरत ।
सुंदरी ^२ संज्ञा स्त्री॰
१. सुंदर स्त्री ।
२. हलदी । हरिद्रा ।
३. एक प्रकार का बड़ा जंगली पेड़ । विशेष—यह पेड़ सुंदर वन में बहुत होता है । इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और नाव, संदूक, मेज, कुरसी आदि सामान बनाने के काम में आती और इमारतों में भी लगती है । यह पेड़ खारे पानी के पास ही उग सकता है; मीठा पानी पाने से सूख जाता है ।
४. त्रिपुरसुंदरी देवी ।
५. एक योगिनी का नाम ।
६. सवैया नामक छंद का एक भेद जिसमें आठ सगण और एक गुरु होता है । उ॰—सब सों गहि पानि मिले रघुनंदन भेंटि कियो सबको सुखभागी । यहि औसर की हर सुंदरी मूरति राखि जपै हिय में अनुरागी । छंदः॰, पृ॰ २४७ ।
७. बारह अक्षरों का एक वर्णवृत्त जिसमें एक नगण, दो भगण और एक रगण होता है । द्रुतविलंबित । ८, तेईस अक्षरों की एक वर्णवृत्ति जिसमें क्रमशः दो सगण, एक भगण, एक सगण, एक नगण, दो जगण और एक लघु तथा एक एक गुरु होता है । छंदप्रभाकर में इसे 'सुंदरि' कहा है । उ॰—सस भा स तजो जों लगि सखि ! ढूँढ़ौं कुंजगली बिछुरी हरि सोँ ।—छंदः॰, पृ॰ २३७ ।
९. एक प्रकार की मछली ।
१०. माल्यवान राक्षस की पत्नी जो नर्मदा नामक गंधर्वी की कन्या थी ।
११. श्वफल्क की कन्या का नाम (को॰) ।
१२. वैश्वानर की एक दुहिता (को॰) ।
सुंदरी ^३ संज्ञा स्त्री॰ [?] सितार, इसराज आदि में लगे वे लोहे या पीतल के परदे जो विभिन्न स्वरों के स्थान होते हैं ।