सोनार संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्वर्णकार, प्रा॰ सोष्णार, सोणार] [स्त्री॰ सोनारिन]दे॰ 'सुनार' । उ॰— कहाँ सोनार पास जेहि जाऊँ । देइ सोहाग करै एक ठाऊँ । — जायसी ग्रं॰ (गुप्त) पृ॰८९ ।