हत्था
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हत्था संज्ञा पुं॰ [सं॰ हस्त, प्रा॰ हत्थ, हिं॰ हाथ]
१. किसी भारी औजार का वह भाग जो हाथ से पकड़ा जाता हो । दस्ता । मूठ ।
२. रेशमी कपड़े बुननेवालों के करघे में लकड़ी का वह ढाँचा जो छत से लगाकर नीचे लटकाया रहता है और जो इधर उधर झूलता रहता है ।
३. तीन हाथ के लगभग लंबा लकड़ी का बल्ला जो एक छोर पर हाथ की हथेली के समान चौड़ा और गहरा होता है और जिससे खंत की नालियों का पानी चारों ओर उलीचा जाता है । हाथ । हथेरा ।
४. निवार बुनने में लकड़ी का एक औजार जो एक ओर कुछ पतला होता है और कंघी की भाँति सूत बैठाने के काम में आता है ।
५. एक प्रकार का भद्दा रंग जो सुर्खी लिए पीला या मटमैला होता है ।
६. पत्थर या ईंट जो दंड करते समय हाथ के नीचे रख लेते हैं ।
७. केले के फलों का घौद या गुच्छा । पंजा ।
८. ऐपन से बना हाथ के पंजे का चिह्न जो पूजन आदि के अवसर पर दीवार पर बनाया जाता है । हाथ का छाप ।
९. गड़ेरियों का वह औजार जिससे वे कंबल बुनते समय पटिया ठोकते हैं ।
१०. बैठने की कुर्सी का वह भाग जिसपर हाथ टेकते हैं ।