हलका
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हलका ^१ वि॰ [सं॰ लघुक, प्रा॰ लहुक, लहुअ; विपर्यय 'हलुक'] [वि॰ स्त्री॰ हलकी]
१. जो तौल में भारी न हो । जिसमें वजन या गुरुत्व न हो । 'भारी' का उलटा । जैसे,—यह पत्थर हलका है, तुम उठा लोगे । उ॰—गरुवा होय गुरू होय बैठे हलका डग- मग कर डोलै ।—कबीर श॰, भा॰ १, पृ॰ १०३ ।
२. जो गाढ़ा न हो । पतला । जैसे,—हलका शरबत ।
३. जो गहरा या चटकीला न हो । जो शोख न हो । जैसे,—हलका रंग, हलका हरा ।
४. जो गहरा न हो । उथला जैसे,—किनारे पर पानी हलका है ।
५. जो उपजाऊ न हो । जो उर्वरा न हो । अनुर्वर । जैसे,—यहाँ की जमीन हलकी है, पैदावार कम होती है ।
६. जो अधिक न हो । कम । थोड़ा । जैसे,—(क) हलका भोजन । (ख) हमें हलके दामों का एक घोड़ा चाहिए ।
७. जो जोर का न हो । मंद । थोड़ा थोड़ा । जैसे,—हलका दर्द, हलका ज्वर ।
८. जो कठोर या प्रचंड न हो । जो जोर से न पड़ा या बैठा हो । जैसे,—हलकी चपत, हलकी चोट ।
९. जिसमें गंभीरता या बड़प्पन न हो । ओछा । तुच्छ । टुच्चा । जैसे,—हलका आदमी, हलकी बात ।
१०. जो करने में सहज हो । जिसमें कम परिश्रम हो । आसान । सुखसाध्य । जैसे,— हलका काम ।
११. जिसके ऊपर किसी कार्य या कर्तव्य का भार न हो । जिसे किसी बात के करने की फिक्र न रह गई हो । निश्चिंत । जैसे,—कन्या का विवाह करके अब वे हलके हो गए
१२. प्रफुल्ल । ताजा । जैसे,—नहाने से बदन हलका हो जाता है ।
१३. जो मोटा न हो । झीना । पतला । महीन । जैसे,—हलका कपड़ा
१४. कम अच्छा । घटिया । जैसे,—यह माल उससे कुछ हलका पड़ता है ।
१५. निंदित । अप्रतिष्ठित ।
१६. जिसमें कुछ भरा न हो । खाली । छूँछा । उ॰—सखि ! बात सुनौ इक मोहन की, निकसे मटकी सिर लै हलकै । पुनि बाँधि लई सुनिए नत नार कहूँ कहूँ कुंद करी छलकै ।—केशव (शब्द॰) । मुहा॰—हलका करना = अपमानित करना । तुच्छ ठहराना । लोगों की दृष्टि में प्रतिष्ठा कम करना । जैसे,—तुमने दस आदमियों के बीच में हलका किया । हलकी बात = (१) ओछी या तुच्छ बात । (२) बुरी बात । हलके भारी होना = (१) ऊबना । भार अनुभव करना । बोझ सा समझना । जैसे,—चार दिन में तुम्हारे यहाँ से चले जायँगे, क्यों हलके भारी हो रहे हो । (२) तुच्छता प्रकट करना । लोगों की नजर में ओछा बनना । हलकी भारी बोलना = खोटे वचन कहना । खरी खोटी सुनाना । बुरे शब्द मुँह से निकालना । लोगों की दृष्टि में हलका होना = ओछा या तुच्छ समझा जाना । प्रतिष्ठा खोना । बुरा समझा जाना । हलके हलके = धीरे धीरे । मंद गति से । आहिस्ता आहिस्ता । हलका सोना = हलका सुनद्दरी रंग । (रँगरेज) ।
हलका † ^२ संज्ञा पुं॰ [अनु॰ 'हल हल' या 'हिलना'] पानी की हिलोर । तरंग । लहर ।
हलका ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰ हलकह्]
१. वृत्त । मंडल । गोलाई ।
२. घेरा । परिधि । उ॰—जुल्फ के हलके में देखा जब से दाना खाल का । मुर्ग दिल आशिक का तब से सैद है इस जाल का ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ २३ ।
३. मंडली । झुंड । दल । उ॰—औ वाहरुआँ आफलै, कुंजर हलकाँ काय ।— बाँकी॰ ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ २९ ।
४. हाथियों का झुंड । उ॰— सत्ता के सपूत भाऊ तेरे दिए हलकनि बरनी ऊँचाई कविराजन की मति मैं । मधुकर कुल करटनि के कपोलन तें उड़ि उड़ि पियत अमृत उडुपति मैं ।—मतिराम (शब्द॰) ।
५. कई गाँवों या कस्बों का समूह जो किसी काम के लिये नियत हो । इलाका । क्षेत्र । जैसे,—थाने का हलका । पटवारियों का हलका ।
६. गले का पट्टा ।
७. लोहे का बंद जो पहिए के घेरे में जड़ा रहता है । हाल ।
८. लोहे या लकड़ी का गोलाकार कुंडा (को॰) ।