हिचकी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हिचकी संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰ हिच या सं॰ हिक्का]
१. पेट की वायु का झोंके के साथ ऊपर चढ़कर कंठ से धक्का देते हुए निकलना । उदरस्थ वायु के कंठ में आघात या शब्द के साथ निकलने की क्रिया । विशेष दे॰ 'हिक्का' । क्रि॰ प्र॰—आना ।—लेना । मुहा॰—हिचकियाँ लगना = मरने के समय वायु का कंठ में से रह रहकर आघात करते हुए निकलना । मरणासन्न अवस्था होना । मरने के निकट होना ।
२. रह रहकर सिसकने का शब्द । रोने में रह रहकर कंठ से साँस छोड़ना । क्रि॰ प्र॰—बँधना । मुहा॰—हिचकी लेना = रोने में साँस का रुक रुककर आना ।