अँकूर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अँकूर संज्ञा पुं॰ [सं॰ अङ्कुर]
१. अंक । भाग्य । उ॰— जथा जोग सब मिलत है जो विधि लिख्यो अँकूर । खल गुर भोग गवारनी रानी पान वपूर ।—सं॰ सप्तक ,पृ॰ ३४१ ।
२. अंकुर । अँखवा । उ॰— जु बंकिय भोंह न तुच्छ गरूर । उठे मन मच्छ धनंक अँकूर ।— पृ॰, रा॰ २१ ।२२ ।