सामग्री पर जाएँ

अँखुआ

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँखुआ संज्ञा पुं॰ [ सं॰ अङ्करक ]

१. बीज से फूटकर निकली हुई टेढी़ नोक जिसमें से पहली पत्तियाँ निकलती हैं । अंकुर । उ॰— खोल खेत में आँख वही अँखुआ कहलाता मिट्टी मुह में डाल फूल अंगों न समाता ।—बुद्ध॰ च॰ ।

२. बीज से पहले पहल निकली हुई मुलायम बँधी पत्ती । डाभ । कल्ला । कनखा । कोपल । फुनगी । क्रि॰ प्र॰—आना ।—उगना ।—जमना ।—निकलना ।— फूटना ।—फेंकना ।—फोड़ना ।—लेना ।—लेना ।