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अँगरा

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँगरा † संज्ञा पुं॰ [ सं॰ अङ्गार ]

१. अँगार । अँगारा । दहकता हुआ कोयला ।

२. कोयला । मुहा॰—अँगरा दरना = अनुचित कार्य की हद करना । अशोभन या अशुभ कार्य करना । विशेष—स्त्रियाँ परस्पर कल्ह में सोहागिनों के प्रति अशुभ भाव व्यक्त करती हुई 'माँग में अँगरा दर दूँगी' प्रायः ऐसा कहती हैं ।

३. बैल के पैर टपकने या रह रहकर दर्द करने का एक रोग । इस रोग में बैल बार बार पैर उठाया करता है ।