अंगदान

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंगदान संज्ञा पुं॰ [अङ्ग + दान]

१. पीठ दिखलाना । युद्ध से भागना । लड़ाई से पीछे फिरना ।

२. तनुदान । अंगसमर्पण । सुरति । रति । (स्त्रियों के लिये प्रयुक्त) । क्रि॰ प्र॰—करना = (१) पीठ दिखलाना, भागना, पीछे फिरना । (२) रति करना, संभोग करना ।