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अंगराग

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंगराग सं॰ पुं॰ [सं॰ अङ्गराग]

१. चंदन, केसल, कपुर, कस्तुरी आदि सुगंधित द्रव्यों का मिला हुआ लेप जो अंग में लगाया जाता है । उबटन । बटना ।

२. वस्र् और आभुषण ।

३. शरीर की शोभा के लिये महावर आदि रँगने की सामग्री ।

४. स्त्रियों के शरीर के पाँच अंगों की सजावट—माँग में सिंदुर, माथे थे रोली, गाल पर तिल की रचना, केसर का लेप, और हाथ पैर में मेहँदी वा महावर ।

५. एक प्रकार की सुगंधित देसी बुकनी जिसे मुँह पर लगाते है । चीसठ कलाओं में से एक ।—वर्ण॰ ।