अंजली

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंजली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अञ्जली]

१. दोनों हथेलियों को मिलाकर बनाया हुआ संपुट । दोनों हथेलियों को मिलाने से बना हुआ खाली स्थान वा गड्ढा जिसमें पानी वा और कोई वस्तु भर सकते हैं । उ॰—निज बिस्तार समेटि अंजली आनि समानी ।—रत्नाकर, भा॰१, पृ॰ २१७ ।

२. उतनी वस्तु जितनी एक अंजलि में आए । प्रस्थ । कुडक । दो प्रसृति । एक नाप जो बीस मागधी तोले या सोलह व्यावहारिक तोले अथवा एक पाव के बराबर होती है । दो पसर ।

३. अन्न की राशि में से तौलते समय दोनों हथेलियों से दान के लिये निकाला हुआ अन्न ।