अंतरिच्छ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

अंतरिच्छ पु संज्ञा पुं॰ [ सं॰ अन्तरिक्ष ; प्रा॰ अंतरिक्ख ]

१. आकाश । उ॰— जोजन बिस्तार सिला पवनसुत उपाटी । किंकर करि बान, लच्छ अंतरिच्छ काटी ।—सूर॰, ९ ।९८ ।

२. अधर । ओठ । उ॰— अंतरिच्छ श्री बंधु लेत हरि त्यौं ही आप आपनी घाती ।—सा॰ लहरी; पृ॰ ५६ । विशेष—अंतरिक्ष का पर्याय अधर = ओठ है और अधर का अंतरिक्ष है; अतः पर्यायसाम्य से अर्थपरिवतैन हुआ ।