अंतर्मुख
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]अंतर्मुख ^१ वि॰ [सं॰ अन्तर्मुख] [स्त्री॰ अन्तर्मुखी]
१. जिसका मुख भीतर की ओर हो । भीतर मुँहवाला । जिसका छिद्र भीतर की ओर हो । उ॰—यह फोड़ा अति कठोर ओर अंतर्मुख होता है ।—अमृतसागर (शब्द॰) ।
२. जिसकी वृत्ति बहिर्मुख न हो । अपने ही विचारों और कल्पनाओं में तल्लीन रहनेवाला । उ॰— 'वह अंतर्मुख और आत्मरत था' ।—भस्मा॰ चि॰, पृ॰ १० ।
अंतर्मुख ^२ क्रि॰ वि॰, भीतर की और प्रवृत्त । जो बाहर से हटकर भीतर ही लीन हो । क्रि॰ प्र॰—करना = भीतर की ओर ले जाना या फेरना । भीतर नियुक्त करना । उ॰—अकामी पुरुष इंद्रियों को हटाय अंतर्मुख कर उनके द्वारा अपनी महिमा का साक्ष त् अनुभव करता है— कठ॰ उप॰ (शब्द॰) ।