अंदु

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंदु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अन्दु]

१. पैर में पहनने का स्त्रियों का एक गहना । पाजेब । पैरी । पैजना ।

२. साँकड़ा । हाथी को बाँधने की साँकल । अलान । उ॰—छुटे अंदु हस्से मदंजा जरानं ।—पृ॰ रा॰, १२ ।३२१ ।

३. बाँधने की रस्सी या जंजीर ।

अंदु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अन्दु] बेड़ी । निगड़ । उ॰—(क॰) बिरदावलि बिरदाई पाय अंदु कर ढीले । मानस बुझधन काज बोलि मधु बचन रसीले ।—पृ॰ रा॰, ६६ ।१६२८ । (ख) क्रीड़ा समंदु गज्ज अंदु ग्राह फंदु रच्चए ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ २६ ।