अंधकुप
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंधकुप संज्ञा पुं॰ [सं॰ अन्धकुप]
१. वह कुआँ जिसका जल सुखा गया हो और मुँह घासपात से ढका हो । अंधा कुआँ । सुखा कुआँ । अँधेरा कुआँ । उ॰—यह कूप कूप भव अंधकूप, वह रंक हुआ जो यहाँ भुप निश्चय रे ।—तुलसी, पृ॰
२८. ।
२. अँधेरा । अंधकार । उ॰—जैसे अँधौ अंधकुप में गनत न खाल पनार । तैसोहि सुर बहुत उपदेसै सुनि सुनि गे कै बार ।—सुर॰, १ ।
८४. । .
३. धनांधकार । निबिड़ तम । अंधागुप्प । उ॰— अंधकुप भा आवै, उड़त आव तस छार । ताल तलावा पोखर, धुरि भरी जेवनार ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ २
२७. ।
४. एक नरक का नाम ।