अंबरीष
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंबरीष संज्ञा पुं॰ [सं॰ अम्बरीष]
१. भाड़ ।
२. वह मिट्टी का बरतन जिसमें भड़भुजे लोग गरम बालु डालकर दाना भुनते हैं ।
३. विष्णु ।
४. शिव ।
५. सुर्य ।
६. किशोर अर्थात् ११ वर्ष से छोटा बालक ।
७. एक नरक ।
८. अयोध्या के एक सुर्यवंशी राजा । विशेष—ये प्रशुश्रक के पुत्र थे और इक्ष्वाकु से २८वीं पीढ़ी में हुए थे । पुराणों में ये परम वैष्णाव प्रसिद्ध है जिनके कारण दुर्वासा ऋषि का विष्णु के चक्र ने पीछा किया था । महाभारत, भागवत और हरिवंश में अंबरीष को नाभाग का पुत्र लिखा है जो रामयण के मत के विरुद्ध है ।
९. अमाड़े के फल और पेड़ ।
१०. अनुताप । पश्चात्ताप ।
११. समर । लड़ाई ।
१२. छोटा जानवर । बछड़ा [को॰] ।