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अक

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पाप । पातक । यौ॰—अकहीन = पापहीन । उ॰—बरबस करत विरोध हठि होन चहत अकहीन ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ४७ । अकबस = पापवश । उ॰—तुलसी सठ अक्बस बिहठि दिन दिन कद मलीन ।— स॰ सप्तक, पृ॰ ४७ ।

२. दुःख ।

३. सर्प (को॰) ।

४. चिन्ह (को॰) ।

अक ^२ पु वि॰ दे॰ 'एक' । उ॰—कहौं फकीर अक खुदा गुसाई ।—घट॰, पृ॰ ८५ ।