अकड़
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकड़ ^१ संज्ञा स्त्री॰ [ सं॰ आ = अच्छी तरह+काण्ड = गाँठ, पोर,> अकड़ = गाँठ की तरह कड़ा] ऐंठ । तनाव । मरोड़ । बल ।
अकड़ ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰]
१. घमंड । अंहकार । शेखी । मुहा॰—अकड़ दिखाना = घमंड वा शेखी दिखाना । उ॰—मार खाव तो बदन झाड़कर फिर भी अकड़ दिखाओ ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, ३०८ ।
२. धृष्ठता । ढिठाई ।
३. हठ । अड़ । जिद ।
अकड़ तकड़ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ अकड़+तकड़-तगड़ा]
१. ऐठन ।
२. तेजी । ताव । घमंड । अभिमान । उ॰—'अकड़ तकड़ उसमें बहुत सारी थी' ।—इंशा॰ पृ॰ ९१ ।
अकड़ । जैसे—शेखों की शेखी, पठानों की टर ।
४. हठ । जिद । अड़ ।
५. तुच्छ बात । पोच बात । बेमेल बात ।
६. ईद के बाद का मेला (मुसलमान) । उ॰— ईद पीछे दर, बरात पीछे धौंसा ।