अकथनीय
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकथनीय वि॰ [सं॰] न कहे जाने योग्य । जो कहने में न आ सके । अनिर्वचनीय । अवर्णनीय़ । वर्णन के बाहर । जिसका वर्णन न हो सके । उ॰—एहि बिधि दुखित प्रजेसकुमारी । अकनोय दारुन दुखु भारी ।—मानस, २ ।६० ।
अकथनीय वि॰ [सं॰] न कहे जाने योग्य । जो कहने में न आ सके । अनिर्वचनीय । अवर्णनीय़ । वर्णन के बाहर । जिसका वर्णन न हो सके । उ॰—एहि बिधि दुखित प्रजेसकुमारी । अकनोय दारुन दुखु भारी ।—मानस, २ ।६० ।