अकरा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकरा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] आमलकी । आँवला [को॰] ।

अकरा ^२ † वि॰ [सं॰ अक्रय्य प्रा॰ अकरय्य, अकरय] [स्त्री॰ अकरी]

१. न मोल लेने योग्य । महँगा । अधिक दाम का । कीमती । उ॰—लै आये हो नफा जानि कै सबै वस्तु अकरी ।—सूर॰, १० ।३१०४ ।

२. खरा । श्रेष्ठ । उत्तम । अमूल्य । उ॰—आरतपालु कृपालु जो राम, जेही सुमिरे, तेहि को तहँ ठाढ़े, नाम प्रताप महा महिमा, अकरे किये खोटेउ, छोटेउ बाढ़े ।—तुलसी ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ २२९ ।