अकारथ

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हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकारथ ^१ † वि॰ [सं॰ अकार्यार्थ प्रा॰ अकारयथ्थ, अकारअथ] बेकाम । निष्फल । व्यर्थ । निष्प्रयोजन । फजूल । उ॰—बिना ब्याह यह तपस्या अकारथ होती है ।—सदल मिश्र (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰ करना ।—होना ।

अकारथ ^२ क्रि॰ वि॰ व्यर्थ । बेकार । निष्प्रयोजन । फजूल । बेफा- यदा । उ॰—स्वारथ हू न कियो परमारथ यों ही अकारथ बैस बिताई ।—पदमाकर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—खोना ।—गारना = व्यर्थ ही गलाना या नष्ट करना । उ॰—आछौ गात अकारथ गारयो । करी न प्रीति कमललोचन सो जन्म जुआ ज्यों हारयो ।—सूर (शब्द॰) ।—जाना उ॰—ते दिन गये अकारथै संगति भई न संत ।—कबीर (शब्द॰) ।