अकाल
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकाल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ अकालिक]
१. अनुपयुक्त समय । अनवसर । अनियमित समय । ठीक समय से पहले या पीछे का समय । उ॰—तूँ रहि, हौं ही सखि लखौं, चढ़ि न अटा, बलि बाल । सबहिनु बिनु ही ससि उदय, दीजतु अरघु अकाल ।—बिहारी र॰, दौ॰ २६८ ।
२. दुष्काल । दु्र्भिक्ष । महँगी । कहत । जैसे—'भारतवर्ष में कई बार अकाल पड़ चुका है'—(शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।
३. घाटा । अत्यधिक कमी । न्यूनता । जैसे—'यहाँ कपड़ों का अकाल नहीं है ।'—(शब्द॰) ।
४. अशुद्ध समय (ज्यो॰) ।
अकाल ^२ वि॰
१. जो काला न हो । श्वेत । २ अनवसर का । असामयिक [को॰] ।
अकाल कुष्मांड संज्ञा पुं॰ [सं॰ अकाल कुष्माण्ड]
१. असमय या बेमौ- सम का कुम्हड़ा ।
२. वह कुम्हड़ा जो बलिदान के काम न आए ।
३. बेकार वस्तु ।
४. व्यर्थ या निरर्थक जन्म [को॰] ।
अकाल कूष्मांड संज्ञा पुं॰ [सं॰ अकालकूष्माण्ड] दे॰ 'अकाल कुष्माड़'[को॰] ।