अकास

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकास संज्ञा पुं॰ दे॰ 'आकाश' । उ॰—रामचरन अवलंबन बिनु परमारथ की आस । चाहत वारिद बुंद गहि तुलसी चढ़न आकास ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ४ । मुहा॰—अकाश गहना = अनहोनी या असंभव बात करना । उ॰— बातनि गहौ अकास, सुनहि न आवै साँस । बोली तौ कछू न आवै ताते मौन गाहिये ।—सूर (राधा॰), १२७३ । अकास बाँधना = असंभव काम करने की कौशिश करना ।