अकूल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकूल वि॰ [सं॰ अ+कुल]
१. जिसका किनारा या ओर छोर न हो । उ॰—आकुल अकूल बनने आती, अब तक तो है वह आती ।—लहर, पृ॰ १३ ।
२. अनंत । असीम । उ॰—साथी मै हो गया अकूल का, भूल गया निज सीमा ।—अनामिका, पृ॰ ६९ ।
अकूल वि॰ [सं॰ अ+कुल]
१. जिसका किनारा या ओर छोर न हो । उ॰—आकुल अकूल बनने आती, अब तक तो है वह आती ।—लहर, पृ॰ १३ ।
२. अनंत । असीम । उ॰—साथी मै हो गया अकूल का, भूल गया निज सीमा ।—अनामिका, पृ॰ ६९ ।