अकृत
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकृत ^१ वि॰ [सं॰]
१. बिना किया हुआ । असंपादित ।
२. अन्यथा किया हुआ । अंडबँड किया हुआ । बिगाड़ा हुआ ।
३. जो किसी का बनाया न हो । नित्य । स्वयंभू ।
४. प्राकृतिक ।
५. जिसकी कुछ करनी करतूत न हो । निकम्मा । बेकाम । कर्महीन । बरा । मंद । उ॰—नाहिं मेरे और कोउ बलि, चरन कमल बिनठाउँ । हौं अँसौच, अकृत, अपराधी संमख होत लजाउँ ।— सूर (शब्द॰) ।
६. कच्चा । अपक्व (भोजन) (को॰) ।
७. अविकसित । जो विकसित न हो (को॰) ।
अकृत ^२ संज्ञा पुं॰
१. कारण ।
२. मोक्ष ।
३. स्वभाव । प्रकृति ।
४. जो पूर्ण न किया गया हो । अधूरा या अपूर्ण कार्य (को॰) ।