अकृत

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकृत ^१ वि॰ [सं॰]

१. बिना किया हुआ । असंपादित ।

२. अन्यथा किया हुआ । अंडबँड किया हुआ । बिगाड़ा हुआ ।

३. जो किसी का बनाया न हो । नित्य । स्वयंभू ।

४. प्राकृतिक ।

५. जिसकी कुछ करनी करतूत न हो । निकम्मा । बेकाम । कर्महीन । बरा । मंद । उ॰—नाहिं मेरे और कोउ बलि, चरन कमल बिनठाउँ । हौं अँसौच, अकृत, अपराधी संमख होत लजाउँ ।— सूर (शब्द॰) ।

६. कच्चा । अपक्व (भोजन) (को॰) ।

७. अविकसित । जो विकसित न हो (को॰) ।

अकृत ^२ संज्ञा पुं॰

१. कारण ।

२. मोक्ष ।

३. स्वभाव । प्रकृति ।

४. जो पूर्ण न किया गया हो । अधूरा या अपूर्ण कार्य (को॰) ।